नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे देशव्यापी विरोध के चलते प्रशासन ने दिल्ली से सटे गाजियाबाद सहित यूपी के तमाम शहरों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बताया कि जिले में गुरुवार की रात 10 बजे से लेकर शुक्रवार रात 10 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रहेंगी. जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने कहा कि सावधानी के तौर पर यह निर्णय लिया गया है. जिले में शांति व कानून व्यवस्था बेहतर करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इसको लेकर 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद की गई है. उन्होंने बताया कि लोगों से अपील की जा रही है कि वह अफवाह से बचने की कोशिश करें और सूचनाओं की सत्यता पता करें.
दो साल पहले सरकार ने बदलें नियम- आपको बता दें कि साल 2017 से पहले जिले के डीएम इंटरनेट बंद करने का आदेश देते थे.
>> साल 2017 में सरकार ने इंडियन टेलिग्राफ ऐक्ट 1885 के तहत टेम्प्ररी सस्पेंशन ऑफ टेलिकॉम सर्विसेज (पब्लिक इमरजेंसी या पब्लिक सेफ्टी) रूल्स तैयार किए.
>> इसके बाद अब सिर्फ केंद्र या राज्य के गृह सचिव या उनके द्वारा अधिकृत अथॉरिटी इंटरनेट बंद करने का आदेश दे सकते हैं.
अब कौन देता है इंटरनेट बंद करने के आदेश- अपातकाल जैसी स्थिति में केंद्र और राज्य के गृह सचिव और अधिकृत किए गए जॉइंट सेक्रेटरी इंटरनेट बैन करने के लिए आदेश दे सकते हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें 24 घंटे के भीतर केंद्र , राज्य के गृह सचिव से इसकी मंजूरी लेनी पड़ेगी.
>> उत्तर प्रदेश सरकार ने बरेली, प्रयागराज और मेरठ में भी इंटरनेट सेवाएं बंद रखने का फैसला लिया है. जहां मेरठ में ये सेवाएं शुक्रवार को बंद रहेंगी वहीं इलाहाबाद में शुक्रवार सुबह 10 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद रखने का फैसला किया गया था.
>> जबकि बरेली में 36 घंटों तक इंटरनेट सेवा बाधित रहेगी. बता दें कि गुरुवार को विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली के भी कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी.